Mon. Dec 23rd, 2024

प्राचीन काली मंदिर में मनाया जा रहा नवरात्रि पर्व

खिरकिया। 11 मार्च 1987 को काली मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी तभी से चैत्र की और कुंवार की नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। मंदिर में प्रतिदिन अनुष्ठान हो रहा है नगर और ग्रामीण अंचल के लोगों की भीड़ दर्शन करने उमड रही है। प्राचीन काली मंदिर ग्रामीण अंचल के लोगो की आस्था का केंद्र है। मंदिर में प्रथम पुजारी मुरलीधर पांडे थे मंदिर में हमेशा सुंदर काण्ड और रामायण जी के पाठ होते रहते हैं। चैत्र की नवरात्रि में यजमान वरिष्ट समाज सेवी डॉ द्वारका प्रसाद पांडे सह पत्नी वत्सला पांडे एवं अनुष्ठान आचार्य नगर के प्रसिद्ध पंडित संतोष सिटोके मंदिर के पुजारी पंडित अरुण मुद्गल के सानिध्य में वार्डवासियों तथा नगर वासियों के साथ मिलकर पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ नवरात्रि पर्व मनाया जा रहा है। जिसमे प्रतिदिन प्रातः काल में मातारानी का अभिषेक पूजा अर्चना के पश्चात प्रातः 10 बजे आरती संध्या आरती रात्रि 8 बजे से श्रद्धालु उत्साह उमंग के साथ श्रद्धा भाव से भक्ति में डूबे नजर आ रहे हैं।अष्टमी को हवन के बाद प्रसादी का आयोजन
नवरात्रि अनुष्ठान के आठवें दिन अष्टमी तिथि में हवन रात्रि 9 बजे से प्रातः तक भोर बेला में हवन की पूर्व आहुति के साथ हवन सम्पन्न होगा नौवी तिथि में राम नवमी के दिन प्रातः 10 बजे से कन्या भोजन प्रसादी वितरण का आयोजन किया जायगा। ज्ञात हो नगर के सेवानिवृत्त व्याख्याता रामायण रसिक स्वर्गीय वी पी मुद्गल सन 2004 से अपने जीवन काल तक प्राचीन काली मंदिर में सेवाएं दे चुके है।

Author

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *