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ग्रामीण बोले: गांव का ग्रामीण भ्रस्टाचार के मामले को उजागर करता है तो संघ एकत्रित होकर कर्ता है ग्रामीण पर कार्रवाई की मांग, क्या यही नियम है, आरोप सिद्ध होने पर क्या सचिव संघ अपने पद से देगा इस्तीफा, ग्रामीणों का पंचायत के सामने धरना जारी, इधर सचिव संघ भी बेठा धरने पर कर रहे ग्रामीणों पर मामला दर्ज करने की मांग, दोनों पक्षों ने सौपा उच्च अधिकारी को ज्ञापन, जांच अधर में

खिरकिया। खबर हरदा जिले के ग्राम पंचायत भगवानपुरा से है,जहा ग्रामीणो का आरोप है,की सहायक सचिव एवं मेट द्वारा मनरेगा की राशि फर्जी तरिके से जॉब कार्ड लगाकर राशि निकाल रहे। आपको बात दे कोई ग्रामीण भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करता है तो संगठन एकत्रित होकर ग्रामीण के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है ऐसा ही मामला हरदा जिले की ग्राम पंचायत भगवानपुरा में देखने को मिला जहां कुछ दिनों पहले ग्राम के ही ग्रामीण आनंद यादव के साथ अन्य ग्रामीणों ने मिलकर ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार को लेकर आवाज उठाई थी।इसी मामले को लेकर जब मीडिया ने सहायक सचिव से चर्चा की तब उन्होंने बताया की मेरे पर लगाए जा रहे आरोप निराधार है। 

उक्त मामले को मीडिया द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था जिला कलेक्टर आदित्य सिंह ने मामले की जांच हेतु टीम गठित की गई है लेकिन अभी जांच अधर में है वही देखा जाए तो अगर जांच के दौरान ग्राम पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की पोल खुलती हैं तो उसे बचाने के लिए सचिव संगठन एकत्रित होकर ग्रामीण पर कार्रवाई करवाने की मांग करता है ग्रामीण ने कहा कि किये गये भ्रष्टाचार की जांच पूर्ण की जाए अगर उक्त जांच में जिम्मेदार अधिकारी सही पाया जाता है तो हम ग्रामीणो के विरुद्ध प्रशासन कार्रवाई करने के लिए वाद्य रहेगा। 

ग्राम पंचायत भगवानपुरा में हुआ भ्रष्टाचार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है, जहां एक ओर भ्रष्टाचार के आरोपी को बचाने के लिए सचिव संघ मैदान में उतरा है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण भी भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं करने तक धरना आंदोलन शुरू कर दिया है बुधवार को ग्राम पंचायत भवन के समीप ग्राम भगवानपुरा के ग्रामीणों ने धरना आंदोलन प्रारंभ किया है। मस्टरोल के माध्यम से किए गए भ्रष्टाचार का मामला अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। भ्रष्टाचार के आरोप ग्रामीणों द्वारा सह सचिव पर लगाए जा रहे हैं तो वहीं अपने आप को निर्दोष साबित करने में लगे हैं। इसी को लेकर ग्रामीणों द्वारा मंगलवार को जनसुनवाई एवं कमिश्नर नर्मदापुरम को ज्ञापन सौंपकर जांच की मांग की तो दूसरी ओर सचिव संघ ग्रामीणों की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है और उनके द्वारा जनपद कार्यालय के बाहर धरना दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने बुधवार से जब तक भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक के लिए चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है। इस संबंध में ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में हुए भ्रष्टाचार की जांच होकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जा रही है। बिना बताए मनरेगा से निकाली जा रही राशि- उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि हमें तो पता भी नहीं और विगत दो-तीन वर्ष से हमारे नाम से हमें मजदूर बता कर हमारी मजदूरी निकाली जा रही है। जब हमें मामले की जानकारी मिली तो सहायक सचिव द्वारा हमारे घर आकर हमसे थंब लगवा कर राशि निकाली गई और कहां कि आप लोग यह राशि हमें देदो, हम तुम्हें मजदूरी पर मस्टरोल के माध्यम से चला रहे हैं। आगामी प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजनाओं में तुम्हें लाभ देंगे, ऐसा प्रलोभन देकर राशि हड़प ली गई है।

आरोप सिद्ध होने पर क्या सचिव संघ अपने पद से देगा इस्तीफा

भगवानपुरा के ग्रामीणों ने सचिव संघ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सचिव संघ भ्रष्टाचार में लिप्त सह सचिव के पक्ष में जो धरना आंदोलन कर रहा है और हम भ्रष्टाचार की जांच के लिए शासन से मांग कर रहे हैं। जांच होने के उपरांत अगर भ्रष्टाचार सिद्ध होता है तो क्या धरने पर बैठे सारे सचिव अपने पद से इस्तीफा देंगे क्योंकि वह भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगे हैं, हमारी शासन से मांग है कि शीघ्र ही समिति गठित कर मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। मामला सिद्ध होने पर संबंधित से वसूली की जानी चाहिए। सह सचिव ने एसपी कार्यालय पहुंचकर ग्रामीण की शिकायत की है वहीं ग्रामीणों ने भी पहुंचकर सह सचिव की शिकायत की है।

इनका कहना है…

मुझे मस्टरोल पर मजदूर दिखाकर मेरे नाम से राशि निकाली जा रही थी। मुझे जब पता लगा तो मुझे प्रलोभन दिया गया। मजदूरी की राशि लेकर कहा कि प्रधानमंत्री आवास सहित अन्य योजना में तुम्हें लाभ देंगे।

हरेराम यादव, भगवानपुरा

ग्राम पंचायत में मस्टरोल के माध्यम से भारी भ्रष्टाचार हुआ है, ऐसी शिकायत हुई है। निष्पक्ष जांच होकर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।

सलीम खान, उप सरपंच भगवानपुरा

मामले की जांच की जा रही है। 

प्रवीण इवने, सीईओ जनपद पंचायत खिरकिया। 

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