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पोला अमावस्या पर छीपाबड मे निकाली रामफेरी, बड़ी संख्या गांव के लोग हुए शामिल, किया भंडारे का आयोजन 

खिरकिया । पोला अमावस्या पर वार्षिक उत्सव धूमधाम से छिपाबड में मनाया जाता है प्रतिदिन प्रभातफेरी निकाली जाती है सुबह 4 बजें से सर्दी हो गर्मी हो बरसात हो रोज़ विगत 13बर्षो से निकालीं जाती है राम फेरी का जुलूस में इस साल भगवान राम लक्ष्मण जानकी और हनुमान जी की चलित झांकी हर्षोल्लास से निकाली गई। बड़ी संख्या में गांव के लोग शामिल हुए राम फेरी  में प्रतिदिन जों प्राप्त अन्नदान धनदान का बर्ष में भंडारा आयोजित किया जाता है अखिल भारतीय मां नर्मदा परिक्रमा सेवा संघ के राष्ट्रीय मंत्री रामानुजदास केवलराम मीणा ने बताया कि संतों से ज्ञान प्राप्त हुआ है के अनुसार हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में हरिनाम कीर्तन पर पाबंदी लगा रखी थी तब उनके पुत्र भक्त प्रहलाद ने जनता को हरिनाम सुमीरन का लाभ पहुंचाने के लिए राम फेरी की शुरुआत की थी वे हिरण्यकश्यप के जागने से पहले ही राज्य में ब्रम्ह मुहूर्त में  प्रातः काल 4बजे प्रभातफेरी निकाली थी तब से गांव गांव राम फेरी निकलतीं है  यह राम फेरी भगवान लक्ष्मण बालाजी मंदिर से निकली जातीं हैं जिस मंदिर से प्रभातफेरी निकलतीं है वह मंदिर गांव के मीणा समाज के हरिराम पटेल बाबा ने बनवाया था लगभग 350 साल पहले छिपाबड में पांच मंदिर बनवायें थें उनमें से बालाजी मंदिर भी हैं और आज़ पटेल बाबा के वंशज रमेश मीणा गोविंद मीणा केवलराम मीणा और साथियों के साथ कैलाश गौर दगड़ू गौर मदन गौर 

महेश जी तिवारी परसराम जी बाबूजी भुरू पवार नंदलाल राजपूत  ओम् मीणा और भी सभी साथी भाईयों द्वारा राम फेरीं निकालीं जाती हैं पूरे ग्राम छिपाबड में लोग अपने अपने घरों के सामने दीपावली कि तरह पूरे गांव में दीप प्रज्ज्वलित किया गया  राम फेरी बालाजी मंदिर से झंडा चौक से नर्मदा मंदिर से थाना बजरंग मंदिर से अम्बेडकर चौक से महाराणा प्रताप चौक से चारूवा रोड़ पानी टंकी से किसान मौहल्ला हनुमान मंदिर से रामदेव बाबा मंदिर से गांधी चौक राम मंदिर से सत्यनारायण मंदिर से मां मेकलसुता सेवा सदन में फूलमाला पहनाकर और मां नर्मदा की एक एक फोटो भेंट कर सभी राम फेरी के सदस्यों को स्वागत किया गया किया और यहां से भारतीय बाबा मंदिर से होते हुए वापस बालाजी मंदिर में महाआरती कर प्रसादी वितरण किया गया  10बजे से कन्या भोजन भंडारा आयोजित हैं और इस मौके   पर समस्त खिरकिया छिपाबड के ग्राम वासी थे। 

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