हरदा। प्रधानमंत्री सडक विभाग के तकनीकी अधिकारियों की निष्क्रियता और लापरवाही के कारण शासन द्वारा ग्रामीणों के हित में स्वीकृत करोड़ों की सड़कें बनने के साथ ही उखड़ने लगी है, यदि ग्रामीण जीएम को शिकायत करें तो ठेकेदार का पक्ष लेते हैं, मामला ग्राम तजपुरा सड़क का है, प्रधानमंत्री सड़क का भ्रष्टाचार जब ग्रामीणों से देखा नहीं गया तो उन्होंने इसकी शिकायत टिमरनी विधायक अभिजीत शाह से की, विधायक अभिजीत शाह जब मौके पर पहुंचे और सड़क का निरीक्षण किया तो डामर सड़क बर्फी की तरह उखड़ने लगी, प्रधानमंत्री सडक विभाग के अधिकारियों और ठेकेदार कि भ्रष्टाचार की परतें एक के बाद एक खुलने लगी, विधायक अभिजीत ने ग्रामीण और अधिकारियों के समक्ष भ्रष्टाचार के कारनामों को उजागर किया, प्रधानमंत्री सड़क में हुए भ्रष्टाचार का यह मामला विधानसभा में भी गूंजेगा, अधिकारियों की निष्क्रियता का खामियाजा विभागीय मंत्रियों को उठाना पड़ेगा,और विधानसभा में विधायक के सवालों का जवाब देना पड़ेगा।
अब सवाल उठ रहे हैं कि ऐसे अधिकारियों पर एफआईआर क्यों नहीं की जाती
विधानसभा के ग्राम कुहीग्वाडी से तजपुरा के बीच प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत बन रही सड़क में अधिकारियों की लापरवाही और भ्रष्टाचार देखने को मिला हैं। जिसकी शिकायत 6 दिवस पहले ग्रामीणों द्वारा विधायक कुंवर अभिजीत शाह को की गई थी। जिसके बाद विधायक अभिजीत ने ग्रामीणों की शिकायत मिलने के बाद, संबंधित विभाग के (A.E)
राम कुमार नायक को सड़क निर्माण में हो रही अनियमितताओं एवं भ्रष्टाचार के विषय में अवगत कराया सड़क के फोटोग्राफ्स एवं वीडियो दिखाए लेकिन विधायक द्वारा शिकायत करने और निर्देशित करने के 6 दिन बाद भी कोई जांच या कार्यवाही नहीं हुई तब क्षेत्रीय
विधायक को खुद ही सड़क की गुणवत्ता की जांच के लिए जाना पड़ा। जब विधायक ने जांच पड़ताल की तो पाया गया कि सड़क निर्माण में बहुत ही घटिया
सामग्री का उपयोग किया जा रहा है एवं सड़क भ्रष्टाचार
की भेट चढ़ चुकी हैं। जिसमे मिट्टी के ऊपर ही डामर बिछा कर सड़क बनाई जा रही हैं। डामर की सड़क के टुकड़े मात्र 10 से 15 द्वंद्व धिकनेस के हैं जिन्हें हाथ से दबाने पर वहपरतें निकल कर चूर चूर हो रही है।
हरदा कलेक्टर को फोन पर बताया सड़क का भ्रष्टाचार, विधायक खुद करवाएंगे जांच
विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए यह हिदायत भी दी की जांच एकदम निष्पक्ष होनी चाहिए। क्योंकि इस रोड के एक सैंपल को लेकर में विधायक भी खुद भी इस रोड के टुकड़ों को प्राइवेट लैब से जांच कराकर दोनो रिपोर्ट्स की तुलना करेंगे एवं भ्रष्टाचार होने पर इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे। जिसके बाद संबंधित विभाग के अधिकारियों के जवाब से ना खुश होकर जिला कलेक्टर को भी विधायक द्वारा फोन लगाकर इस चल रहे भ्रष्टाचार की जानकारी दी गई। ठेकेदार द्वारा डामर की मात्रा मापदंडों से बहुत कम डाली गई हैं। विधायक ने जानकारी देते हुए बताया कि ये बात जब विभाग के बड़े अधिकारीयों को बताई गई तो अधिकारी भी ठेकेदार को बचाते हुए नजर आए। जिसपर क्षेत्रीय विधायक द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिकारियों को लैब टेस्ट एवं consis tancy (कसिस्टेंसी) टेस्ट करवा कर लिखित तौर पर रिपोर्ट साझा करने हेतु कहा गया है।