खिरकिया । श्री सीताराम सेवा समिति द्वारा आयोजित 13 वर्ष की कथा में आज तिथि दिवस में पूज्य कथा व्यास रमाकांत जोशी ने कहा कि रामचरितमानस की कथा मर्यादा की कथा है इसमें प्रभु श्री राम ने संसार को मर्यादा का संदेश दिया है वह भी अपने जीवन में एक मर्यादित आदर्श पुत्र पिता और राजा है उनके बनाए मार्ग पर श्री रामचरितमानस के अनुसार संसार का कोई भी पुत्र पिता या राजा चलता है तो वह घर परिवार और राष्ट्र हमेशा स्वर्ग के सामान रहेगा क्योंकि वहां हर बात व्यवहार में मर्यादा रहेगी और जहां मर्यादा होगी वहां सुख शांति और समृद्धि होगी जहां इन तीनों की उपस्थिति है वही घर परिवार राष्ट्र स्वर्ग है आगे अपने माता जानकी के साथ हुई सीता हरण की घटना को मर्यादा के उल्लंघन का ही परिणाम बताया माता जानकी ने भी श्री लक्ष्मण द्वारा बना ही गई मर्यादा रेखा जिस समाज लक्ष्मण रेखा भी कहता है को लांघकर बाहर गई और रावण जैसे दुराचारी ने देश बदलकर उन्हें हरण कर लिया इसके माध्यम से उन्होंने मेरी जाति को भी शिक्षा लेने की बात कही और कहा कि मर्यादा में ही सुख शांति है आगे भगवान शिवा शिव के विवाह की कथा सुनाते हुए आगे कथा का विस्तार किया और और भगवान शिव शंकर कीके 20 पीने की कथा को आगे रहते हुए बताया कि इस प्रकार महादेव ने जगत कल्याण के लिए विश् को अपने कंठ में धारण कर नीलकंठ कहलाए इस प्रकार घर के मुखिया ने भी घर की बातों को मैं समझ में का हैं और मैं ही अपने हृदय में उता रे सभी वह घर चल सकता है आगे बढ़ सकता है
कल तीसरे दिन की कथा में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के जन्म की कथा होगी। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।