Sun. Dec 22nd, 2024

दिलचस्प,अदभुद, रोमांचित करने वाले वो पल,क्षण,लम्हे बच्चों के संग वासुदेव कुटुंबकम की भावना को ध्यान में रखते हुए आपसी प्रेम,आत्मीयता, समन्वय,सौहार्द का दिया संदेश

खिरकिया। श्री श्वेतांबर जैन श्री संघ के सदस्यों के साथ छोटे बड़े बालक – बालिकाओं ने भी दीपावली मिलन की परम्परा का उत्साह,उमंग,ऊर्जा के साथ सुबह १०:०० बजे से शाम के ५:०० बजे तक बखूबी निर्वाहन किया और सभी बड़ों ने बच्चों को शुभआशीष प्रदान कर अपने अनुभव को साझा करते हुए मार्गदर्शन प्रदान किया बच्चों द्वारा घर घर जाने की जीवंत संपर्क रूपी इस परंपरा की सभी ने खूब खूब अनुमोदना की, साथ ही 93 वर्षीय श्रद्धानिष्ठ,दृढ़धर्मी सुश्राविका विमलाबाई भंडारी की सभी से कुशल क्षेम पूछी दादीजी ने सभी को लम्बी आयु का आशीर्वाद दिया।निर्मल विनायक्या के आग्रह पर निज निवास पर आगम रांका ने जिन भक्तों पे राम गुरु का हाथ है उन भक्तों के देखो कितने ठाठ है…भजन से माहौल भक्तिमय बनाया वीर पिता हेमचंद भंडारी ने 73 वर्ष की उम्र में स्वास्थ अनुकूल नहीं होते हुए तप रूपी टेबलेट लेकर तेले तप के पचखान ग्रहण कर सभी को अचंभित कर दिया उज्जवला बाफना जो महत्तम शिखर महोत्सव खिरकिया लीड प्रमुख है हमेशा तेला तप कर अपनी गुरुभक्ति का परिचय देती है।सभी तपस्वियों के निवास पर अनुमोदना रूपी भक्ती से सभी का मन प्रफुल्लित हुआ सौम्य,सरल, सम्यक अक्षय भंडारी को सामयिक ड्रेस पहनने की प्रेरणा की। नीलेश राठौर छीपाबड़ की माताजी पुष्पा जगदीश राठौर ने इन सभी बच्चों को एक साथ उनके घर पाकर खुशी से उनके नैनो से अश्रु धारा प्रभावित होने लगी,सभी बालिकाओं के “चरण स्पर्श” कर अपने यहां आई “लक्ष्मी का अभिवादन” किया
इस अवसर पर…मोक्षिका वेदमूथा,हितांशी श्री श्री माल,दिव्य रांका,खुश रांका,युग वेदमूथा,पीहू रांका,ओजस्वी भंडारी,वर्तिका भंडारी,सौम्य सांड,काव्य सांड,अमम समदड़िया,आगम रांका,स्वयं रेदासनी,विधि भंडारी,रिचा विनायक्या,उन्नत मेहता,लक्ष्य सांड,भूमिका समदड़िया,गौरव विनायक्या,ऋषिका समदड़िया,हर्ष (सोनू) सांड,समक्ष बनबट,महर्ष(मोनू) सांड,गौतम रांका,रितेश रांका,प्रणय सांड,आशीष समदड़िया आदि तुम के साथ घर घर पहुंचे।बच्चे सतत 7 घंटे तक बच्चे पैदल..ऊपर,नीचे, अंदर,बाहर, सभी स्पीडली करते रहे फिर भी उनके चेहरे पर कोई शिकंज नहीं-कोई थकान नहीं बच्चों की ऊर्जा में कोई कमी नहीं।
जहां भी बच्चे गए उन्हें भी सभी ने खूब आत्मीय,प्यार, सम्मान दिया जिससे बच्चों में आगे भी उन घरों घरों में जाने की भावना फलीभूत हुई।
यह जानकारी महत्तम शिखर महोत्सव जन जन में राम प्रवृत्ति मध्यप्रदेश अंचल संयोजक आशीष समदड़िया ने प्रदान की।

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