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आज से बंगाली समुदाय द्वारा की जायगी माँ काली की आराधना, माँ काली का किया जायगा पूजन, माँ काली की प्रतिमा रहती है आकर्षक का केंद्र

खिरकिया। सर्व भारतीय हिंदू बंगाली संगठन के तत्वावधान में आज 31 अक्टूबर गुरुवार की मध्यरात्रि में माँ काली के पूजन का आयोजन रखा गया है। सर्व भारतीय हिंदू बंगाली संगठन द्वारा । आज मध्यरात्रि को प्रगति स्कूल के पास मैदान में काली पूजा का आयोजन रखा गया है। मालूम हो कि दिवाली के अवसर पर बंगाली समुदाय काली पूजा करते है। समाज के डॉ आलोक हीरा ने बताया कि चार दिवसीय इस आयोजन में आज मध्यरात्रि साढ़े बारह बजे पूजन एवं आरती होगी। 1 नवंबर शुक्रवार की रात 9 बजे संध्या आरती के बाद बंगाली संगीत एवं विविध कार्यक्रम के साथ सामाजिक अनुष्ठान होंगे। 2 नवंबर शनिवार को आरती के बाद महिला संगीत का आयोजन होगा। तदनपरांत पारितोषिक वितरण होगा। 3 नवंबर रविवार सुबह 11 बजे कन्या भोजन, प्रसादी वितरण के बाद आरती कर शाम 4 बजे प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।

माता काली की पूजा का महत्व देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं के स्वरूपों में माता काली प्रमुख स्थान पर हैं। यहां पर माता काली की पूजा अर्चना करने से सभी तरह के भय और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं। साथ ही सभी रोग और दोष से भी मुक्ति मिलती है, माता काली की पूजा करने से सभी ग्रहों का शुभ प्रभाव पड़ता है और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, राहु- केतु की शांति के लिए माता काली की पूजा करना सबसे अच्छा उपाय है। काली माता की पूजा मात्र से ही सभी तरह तंत्र मंत्र का प्रभाव भी खत्म हो जाता है।

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