खिरकिया।अनंत चतुर्दशी की रात को हुई रोहित ठाकुर की हत्या के मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया को असंतोषजनक बताते हुए कुछ अन्य मांगों को लेकर शहर के सर्वदलीय एवं सर्वसमाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन एसडीएम अशोक कुमार डेहरिया को दिया।
ज्ञापन में बताया गया कि 17 सितंबर अनंत चतुर्दशी की रात्रि को आरोपी रवि पासी ने अपने साथियों के साथ मिलकर पूर्व नियोजित योजनाबद्ध तरीके से रोहित ठाकुर की निर्मम हत्या कर दी थी, साथ ही अस्पताल में मिलने गए मानसिंह चौहान पर जानलेवा हमला कर घायल कर दिया था। इस सम्बंध में छीपाबड़ पुलिस ने घटना को दो पक्षों के बीच हुआ विवाद बताया। और इसी मानसिकता से पीड़ित परिवार के लोगों पर भी अपराध कायम किया। जबकि वास्तव में आरोपीगण ही एक मात्र हमलावर पक्ष है। ज्ञापन में बताया गया कि आरोपीगण आदतन अपराधी है, अपराध ही आरोपीगण के जीवन यापन का साधन है। आरोपी रवि पासी के विरुद्ध जिला बदर की कार्यवाही भी हो चुकी है । अवैध वसूली करना,अवैध रुप से सूदखोरी करना आरोपीगण के आपराधिक कार्य है। आरोपीगण शातिर अपराधी है,जिन्होंने पूर्व नियोजित योजनाबद्ध तरीके से घटना को अंजाम दिया था। इसके पश्चात भी आरोपीगणों द्वारा झूठी रिर्पोट पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई थी,इसी झूठी रिर्पोट पर विश्वास कर पुलिस थाना छीपाबड़ द्वारा भी एक तरह से आरोपीगण शातिर योजना को सफल किया गया। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि वारदात के बाद शहरवासियों की मांग पर हरदा पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया था कि सात दिनों में फरियादी पक्ष के विरुद्ध दर्ज की गई शिकायत रद्द कर दी जाएगी तथा सम्बंधित पुलिसकर्मियों को हटा दिया जाएगा।इस सम्बंध में एसपी द्वारा सम्बंधित पुलिसकर्मियों को तो तत्काल हटा दिया गया, लेकिन फरियादी पक्ष के विरुद्ध दर्ज शिकायत अभी तक रद्द नहीं की गई है।इसके अलावा जो जानकारी प्राप्त हुई है, उसके अनुसार हटाए गए पुलिसकर्मियों में से कुछ के वापिस छीपाबड़ पुलिस थाने में आमद दे सकते हैं, यदि ऐसा हुआ तो वे जांच को प्रभावित करेंगे।इसलिए निवेदन है कि जिन पुलिसकर्मियों को हटाया गया है, उन्हें वापिस छीपाबड़ पुलिस थाने में पदस्थ नहीं किया जाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि उक्त वारदात में पुलिस द्वारा अपराधियों के पक्ष में जाकर फरियादी पक्ष के विरुद्ध जो शिकायत दर्ज की गई थी, उसे तत्काल खारिज किया जाए। बिना पूर्वाग्रह के निष्पक्ष जांच हो।आरोपियों के चल रहें अवैध करोबार को बंद कराया जाए।आरोपियों की नशे में से बिना एम.एल.सी. करें प्रकरण दर्ज कराया गया,इसलिए प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी को तत्काल निलंबित किया जाए।चूंकि मामला षडयंत्र पूर्वक रचा गया है,इसलिए 120-बी की धारा भी लगाई जायें। तथा आरोपियों द्वारा शासकीय भूमि पर जो भी कब्जा किया गया हैं,उसे चिन्हित कर शीघ्र ही अतिक्रमण हटवाया जाए। ज्ञापन देते समय शहर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।