खिरकिया। सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रामीणों को रोजगार दिया जा रहा है वही ग्राम पंचायत सचिव और उपसचिव मेठ चंद पैसों की लालच में जो व्यक्ती काम नहीं कर रहा है उनके जॉब कार्ड बनाकर शासन के पैसे को चपत लगाकर अपनी जेब गर्म करने में लगे हैं। मामला हरदा जिले की जनपद पंचायत खिरकिया के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत भगवानपूरा का हे। आपको बता दे मनरेगा में सचिव द्वारा काम नहीं करने वाले व्यक्ति की पेमेंट निकालने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। क्योंकि मनरेगा का उद्देश्य ग्रामीण लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना और उनकी क्रय शक्ति बढ़ाना है। मनरेगा के तहत, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया जाता है जो प्रतिदिन 243 रुपये की सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-सम्बंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं इस मामले में, सचिव पर आरोप है कि उन्होंने काम नहीं करने वाले व्यक्ति की पेमेंट निकाली, जो मनरेगा के नियमों का उल्लंघन है। ग्रामीण आनंद यादव हरिकिशन कुमरे श्याम यादव रेवाराम यादव महेश यादव राधेश्याम माणिक तेजराम यादव ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए और सचिव के खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि मनरेगा योजना की पारदर्शिता और इसके उद्देश्य की पूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
ग्राम पंचायत भगवानपूरा में मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं। यह भ्रष्टाचार निम्नलिखित तरीकों से हो रहा है:-
1. झूठे मजदूरी भुगतान: ग्राम पंचायत के अधिकारी मजदूरी के नाम पर झूठे भुगतान कर रहे हैं, जिससे गरीब मजदूरों का पैसा हड़प लिया जा रहा है।
2. काम नहीं करने वालों को पेमेंट: जो लोग मनरेगा के तहत काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें भी पेमेंट किया जा रहा है, जो भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है।
3. सामग्री की खरीद में अनियमितता: मनरेगा के तहत सामग्री की खरीद में भी अनियमितता हो रही है, जिससे सरकारी पैसा व्यर्थ जा रहा है।
4. कार्यों की गुणवत्ता में कमी: मनरेगा के तहत बनाए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता में भी कमी आ रही है, जिससे ये कार्य जल्द ही खराब हो जाते हैं।
*ग्राम पंचायत भगवानपुरा में लगा गंदगी का अंबार*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है वही ग्राम पंचायत भगवानपुरा के आलम यह है कि ग्राम में गंदगी का अंबार लगा हुआ है कहीं दिनों तक कचरा ही नहीं उठता है खास बात यह है ग्राम में लगी बिजली की डीपी के समीप कचरे का ढेर कई दिनों से लगा हुआ है लेकिन सचिव सरपंच का इस ओर ध्यान नहीं है अगर किसी दिन डीपी से बड़ी दुर्घटना घटित हो जाना जिसका जिम्मेदार कौन होगा।
*आवास योजना के नाम पर पैसों की मांग*
आपको बता दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में आवास योजना चलाई जा रही है जिसमें गरीब मजदूरों को आवास योजना का लाभ दिया जाना नियम में लिखा है ग्राम के लोगों ने आरोप लगाया कि हमारा नाम आवास योजना लिस्ट में तो आ चुका है लेकिन सचिव के द्वारा कहा जाता है कि 20 हजार रुपये दो तभी आपके खाते में में पेसे डाले जायगे ग्रामीणों ने बताया कि हम गरीब लोग हैं 20 हजार रुपये कहां से देंगे तो सचिव के द्वारा आवास योजना लिस्ट से अपात्र कर दिया जाता है जो नियम विरुद्ध है उन्होंने बताया कि सचिव की कार्यशैली से हम बहुत प्रताड़ित हो चुके हैं इन्हें यहां से हटाया जाए और मामले की जांच कर इनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
सीएम हेल्पलाइन शिकायत का भी कोई हल नहीं
ग्राम पंचायत में अनियमितता को लेकर ग्राम के लोगों ने सीएम हेल्पलाइन 181 पर शिकायत कर सहारा लिया लेकिन सीएम हेल्पलाइन शिकायत का भी कोई औचित्य नहीं निकला यह बात ग्राम के लोगों ने बताई।
इनका कहना
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है ग्राम पंचायत में शासन के पैसों का अगर दुरूपयोग हुआ है तो मामले की जांच का कार्यवाही की जाएगी।
कमलेश सेजकर, जिला पंचायत सदस्य हरदा
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है मामले की उचित जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
सविता झानिया, जिला पंचायत सीईओ हरदा