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नकली कीटनाशक दवाओं का फैला मकडज़ाल, धड़ल्ले से चल रहा कारोबार और लूट रहे किसान, जिम्मेदार अधिकारी नही उतरै जांच के मैदान में,किसानों को सलाह देने अमला का पता नहीं,


खिरकिया। यहां विभागीय उदासीनता का खामियाजा किसानों को ऊंची कीमत में नकली दवाईयां खरीद कर भुगतना पड़ रहा है। इससे कंपनी की शिकायत के बाद ही गिनती के लोगों पर कार्रवाई की जाती है, जबकि बड़े मिलावटखोर अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। बारिश शुरु होते ही किसान फिर से एक बार खेती-किसानी में जुट गए हंै। अच्छी बारिश होने के बाद अधिकांश क्षेत्रों में बोआई का कार्य करीब पूर्ण हो चुका है। वहीं अब खाद व कीटनाशक दवाओं की पूछपरख भी होने लगी है, मगर जिले के विभागीय उदासीनता के चलते ग्रामीण व शहरी बाजारों में नकली कीटनाशक दवाओं की बिक्री इन दिनों जोरों पर है। इन दवाओं के उपयोग से फसलों के उत्पादन पर बुरा असर पड़ रहा है। इन नकली कीटनाशकों की पहचान भी भोले भाले ग्रामीण किसान नहीं कर पाते क्योंकि इनकी पैकेजिंग बिल्कुल असली कीटनाशक की तरह होती है। ऐसे किसानों को नकली या एक्सपायरी डेट की दवा होने की समझ तब आती है, जब ऐसे कीटनाशकों के छिड़काव के बाद असर प्रभावहीन होता है। ऐसे में यहां के किसानों को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है।
किसानों को सलाह देने अमला का पता नहीं
खेती-किसानी के लिए किसानों को उचित सलाह देने का काम कृषि विभाग का है। इसके लिए सभी ब्लॉकों में पर्याप्त मैदानी अमला तैनात हैं लेकिन यह मैदान में कभी नजर नहीं आते। कागजों में ही इनका दौरा हो जाता है और किसानों को इनके दर्शन तक नहीं होते। लिहाजा किसान कीटनाशक दवा बेचने वाले दुकानदारों की सलाह पर जो दवा उन्हें थमा देते हैं, उसी के भरोसे रहते हैं।
500 से अधिक दवा व्यवसायी हैं जिले में
जिले में तकरीबन 500 से अधिक कीटनाशक दवा व्यवासायी हैं। इसके पास कीटनाशक दवा कारोबारी का लाइसेंस है। इसके अलावा सैकड़ों की तादात में और भी कई व्यवसायी हैं जिनके पास लाइसेंस नहीं है और कारोबारी कर रहे हैं। इनकी दुकानों से मिसब्रांड कीटनाशक दवा बिकी रही है। इन दवाओं का इस्तेमाल करने से दवा असर नहीं करता। जिसके चलते किसान और कई बार छोटे व्यवसायी भी ठगे जाते हैं।
केस 1
18 एकड़ में 3 लीटर डाली दवा
सिराली ब्लाॅक के ग्राम कडौला राघौ के किसान जितेन्द्र राजपूत ने वर्तमान में सोयाबिन के सीजन में 18 एकड़ जमीन में सोयाबिन की फसल की बोवनी की है। किसान जितेन्द्र राजपूत के मुताबिक सोयाबिन की फसल में अत्यधिक चारा हो गया जिसके मारने के लिये खिरकिया की मंगलम एग्रो से एफएमसी कंपनी की गलैक्सी नेस्ट खरपतबार दवा खरीदी कर फसल पर छिड़काव किया जिसके बाद फसल के अंदर लगा चारा नही मरा अत्यधिक चारा होने के कारण हमारी फसल को नुकसान हो रहा है।
केस-2
18 एकड में 3 लीटर डाली दवा
सिराली ब्लॉक के ग्राम कडौला राघौ के किसान ज्ञानसिंह राजपूत के द्वारा सोयाबिन की फसल की बोवनी कर दी है जिसमें अत्यधिक चारा हो जाने के कारण उसे नष्ट करने के लिये खिरकिया की मंगलम एग्रो दुकान से एफएमसी कंपनी की गलैक्सी नेस्ट खरपतबार दवा खरीदी कर फसल पर छिड़काव किया। लेकिन करीब अठारह एकड़ की फसल में दवा डालने के बाद पूरी तरह से चारा नष्ट नही हुआ। इससे किसानों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। हमारे द्वारा एसडीएम को भी शिकायत की लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला।
केस 3
15 एकड 2.50 एकड डाली दवा
सिराली ब्लॉक के ग्राम कडौला राघौ के किसान लक्ष्मण राजपूत के द्वारा सोयाबिन की फसल की बोवनी कर दी है जिसमें अत्यधिक चारा हो जाने के कारण उसे नष्ट करने के लिये खिरकिया की मंगलम एग्रो दुकान से एफएमसी कंपनी की गलैक्सी नेस्ट खरपतबार दवा खरीदी कर फसल पर छिड़काव किया। लेकिन करीब अठारह एकड़ की फसल में दवा डालने के बाद पूरी तरह से चारा नही नष्ट हुआ। इससे किसानों को काफी ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। हमारे द्वारा एसडीएम को भी शिकायत की लेकिन कुछ नतीजा नहीं निकला। किसान दीपक सिंह देवडा ने 6 एकड जमीन में 1 लीटर चारा मार दवा का छिडकाव किया। ग्राम के ही किसान पूनम सिंह राजपूत ने 18 एकड जमीन में 3 लीटर चारा मार दवा का छिडकांव किया लेकिन उसका रिजल्ट नही मिला। हमारे द्वार कृषि विभाग से लेकर एसडीएम तक शिकायत की जा चुकी है लेकिन एक भी जिम्मेदार अधिकारी अभी तक मौका निरीक्षण करने नही पहुंचा।
इनका कहना
जिला कलेक्टर द्वारा आयोजित मिटिंग में मौखिक अधिकारीयो को सख्त निर्देश दिये है की पत्रकारो के फोन अटैंड कर उन्है उचित जबाव दिया जाये। खबर के संबंध में एसडीएम संजीव कुमार नागू को कई बार काॅल किया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नही किया। कलेक्टर के मौखिक आदेशो की अवहेलना करते हुये नजर आये।
किसानो के हित में मेरेे द्वारा उपसंचालक कृषि विभाग अधिकारी संजय यादव से चर्चा की गई है जल्द ही कार्यवाही कराई जावेगी।
कमलेश सेजकर, जिला पंचायत सदस्य हरदा।

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