Mon. Dec 23rd, 2024

मामला कस्तुरबा गांधी बालिका छात्रावास का, सूचना के अधिकार का उल्लंघन, नही दी संपूर्ण जानकारी, मामला पहुंचा कलेक्टर तक, हो जांच, छात्रावास में बच्चों के खानपान भोजन आदि रखरखाव व्यवस्था में की जा रही घोर लापरवाही


खिरकिया। सरकार द्वारा छात्र छात्राओं के लिए विभिन्न प्रकार की योजन चलाई जा रही लाखो रूपये खर्च कर छात्रावास के बच्चो को सुविधाए दी जा रही है। हरदा जिले कीे तहसील के ग्राम चरूवा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास चारूवा का मामला सामने आया जहाॅ छात्रावास में बच्चों के खानपान भोजन आदि रखरखाव व्यवस्था में घोर लापरवाही की जा रही है। तथा छात्रावास में हेराफेरी कर शासन द्वारा बच्चों को दी जा रही राशि बेईमानीपूर्वक गबन करने एवं बच्चों की सुखसुविधा पर ध्यान नही देते हुये उनसे छात्रावास में अनावश्यक काम कराने व उन्हें तंग व प्रताड़ित किया जा रहा है। जिसकी शिकायत राजेश पिता नर्मदाप्रसाद जायसवाल निवासी ग्राम चारूवा ने जिला कलेक्टर आदित्य सिंह से की। शिकायत में बताया कि धारा (6) (1) सूचना के अधिकार के अंतर्गत दिये गये आवेदन पत्र पर कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास चारूवा द्वारा संपूर्ण जानकारी नहीं देने छात्रावास में बच्चों के खानपान भोजन आदि रखरखाव व्यवस्था में घोर लापरवाही करने, छात्रावास में हेराफेरी कर शासन द्वारा बच्चोंको दी जा रही राशि बेईमानीपूर्वक धोखाधड़ी कर गबन करने एवं बच्चों की सुखसुविधा पर ध्यान नही देते हुये उनसे छात्रावास में अनावश्यक काम कराने व उन्हें तंग व प्रताड़ित किया जा रहा है। लगाए गए सूचना के अधिकार के अंतर्गत संपूर्ण जानकारी नही देते हुये अधिकार अधिनियम का छत्रावास द्वारा उल्लंघन किया गया और छात्रावास में होने वाली गडबड़ी को स्पष्ट नही किया गया छात्रावास द्वारा घोर लापरवाही बरती जाकर छात्रावास में बच्चों के खानपान रखरखाव एवं उनके मानसिक शारीरिक विकास की ओर ध्यान ने देते हुये घोर लापरवाही कर छात्रावास को शासन द्वारा दी जा रही राशि में गबन एवं हेराफेरी की जा रही है और बच्चों को बलात्श्रम कराने पर मजबूर किया जा रहा है उन्हें शारीरिक एवं मानसिक रूप से तंग व प्रताड़ित किया जा रहा है। बालिका विद्यालय की पूर्व मे भी अध्यक्ष द्वारा शिकायत की जा चुकी है लेकिन आज तक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा जांच नही की गई है। शिकायतकर्ता राजेश ने मांग की है कि होस्टल विद्यालय के विधायक प्रतिनिधि, होस्टल अध्यक्ष, ग्राम पंचायत उप सरपंच एवं कार्यकर्ता तथा बच्चें एवं मीडिया के समक्ष वरिष्ठ उच्च अधिकारियों द्वारा जांच कराये जाकर कार्यवाही की जाये। इस संबध में जिला शिक्षा अधिकारी डीपीसी से संपर्क करना चाहा लेकिन उनके द्वारा काॅल रिसीव नही किया गया।

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