खिरकिया । मामला हरदा जिले की खिरकिया कृषि उपज मंडी का है। विगत 20 मई को भारसाधक अधिकारी एसडीएम संजीव कुमार नागू ने समिति बनाई थी। आपको बता दे सोरन नीलामी समिति के द्वारा दिन शनिवार को महीने भर से अधिक की इकट्ठा की गईं थीं सोरन की नीलामी करते समय किसानों ने आपत्ति जाहिर की थी। नीलामी समिति मे नायब तहसीलदार देवराम निहरता मंडी सचिव रमेश धुर्वे सहायक उपनिरीक्षक अखिलेश शर्मा की मौजूदगी मे किसानो के द्वारा पंचनामा बनवाकर सोमवार को सोरन बेचने का निर्णय लिया गया था लेकिन सोमबार को विक्रय नही हुआ। दिन मंगलवार को अधिकारी किसानो की उपस्थिति में सिर्फ मूंग की 19 कटटी का विक्रय किया गया था सवाल यह था कि सिर्फ मूंग का विक्रय क्यों किया गया गेहू 14 बोरी, चना सोयाबीन मिलावट 20 कटटी अनाज का विक्रय क्यो नही किया गया जबकि नियमानुसार एक साथ अनाज का विक्रय होना था। दिन मंगलवार को सिर्फ मूंग अनाज की नीलामी की गई।
एक हप्ते से रखी राशि नही हुई खाते में जमा,
दिनांक 02.07.2024 को बाकि की बची हुई सोरन की निलामी की गई। जो लगभग 70 हजार से अधिक की हुई, मंडी के सहायक उपनिरीक्षक अखिलेश शर्मा ने समस्त राशि स्वयं के पास रख रखी है। जबकि एसडीएम संजीव नागू द्वारा किसानो व पत्रकारो को आश्वासान दिया गया था कि बची हुई समस्त राशि मंडी निधि के खाते में जमा की जाएगी। परंतू अखिलेश शर्मा द्वारा अनिमिततता बरतते हुई एक हप्ता बीत जाने के बावजूद भी उक्त राशि किसी भी खाते में जमा नही की गई। जो कि शासकीय कर्मचारी अधिकारी के लिये वित्तीय नियमो के विरूध्द है। जो वित्तीय अनिमितता की श्रेणी में आता है। देखना दिलचस्प होगा की इस प्रकार की वित्तीय अनिमितता बरतने पर सहायक उपनिक्षिक अखिलेश शर्मा पर क्या कार्यवाही करते है।
इनका कहना
मेरे द्वारा प्रतिदिन सोरन निलाम करके राशि जमा कर मुझे अवगत कराने का कहा गया था राशि जमा क्यो नही की जानकारी नही है।
देवराम निहरता, दल प्रभारी सोरन समिति, नायब तहसीलदार खिरकिया।